ऋण संवृद्धि योजना
आईआईएफसीएल की नियमित ऋण संवृद्धि योजना
1. शीर्षक
1.
यह योजना अर्थक्षम अवसंरचना परियोजनाओं की ‘ऋण संवृद्धि योजना’ के तौर पर जानी जाएगी एवं सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस योजना
का अनुमोदन दिये जाने की तिथि से प्रभावी होगी।
2. पात्रता
2.1 ऋण संवृद्धि योजना
वाणिज्यिक तौर पर उन अर्थक्षम अवसंरचना परियोजनाओं को प्रदान की जाएगी जो निम्नलिखित
मानदंड पूरे करते हों:
i.
ये परियोजनाएं ऐसी बुनियादी ढांचा क्षेत्र की हो जैसा
सिफ्टी के तहत परिभाषित है।
ii. ऋण संवृद्धि की जाने वाली
अवसंरचना परियोजना/प्रस्तावित बंधपत्र संरचना की न्यूनतम स्टैंड अलोन क्रेडिट
रेटिंग कम से कम बीबीबी (भारत-घरेलू) अथवा इसके समतुल्य हो।
iii. ऋण संवृद्धि के माध्यम से
जुटाई गयी राशि का उपयोग केवल आंशिक अथवा पूर्ण रूप से मौजूदा ऋण चुकाने में ही
किया जाएगा।
iv.
अवसंरचना परियोजना में आईआईएफसीएल द्वारा गारंटी/ऋण
संवृद्धि बढाये जाने की तिथि के अनुसार सीओडी/अनंतिम सीओडी प्राप्त हो।
3. ऋण संवृद्धि की
सीमा
3.1 आईआईएफसीएल, कुल परियोजना लागत
(बैकस्टाप गारंटीकर्ता/जोखिम साझा करने वाली साझेदारी के साथ कुल परियोजना लागत का
40 प्रतिशत तक) के 20 प्रतिशत की सीमा तक की आंशिक ऋण गारंटी प्रदान कर सकता है।
3.2 हालांकि आईआईएफसीएल का कुल एक्सपोजर, प्रत्यक्ष ऋण के
माध्यम से निवेश सहित कुल परियोजना लागत का अधिकतम 20 प्रतिशत होगा।
3.3 हालांकि आईआईएफसीएल द्वारा अपने परियोजना
बंधपत्रों में किसी प्रकार की बुनियादी ढांचे की परियोजना को प्रदान की गई
गारंटी/ऋण संवृद्धि की सीमा उस सीमा तक सीमित होगी जिसमें परियोजना बंधपत्रों की
क्रेडिट रेटिंग जारी परियोजना बंधपत्रों की कुल राशि का अधिकतम 50 प्रतिशत के अधीन, उसकी अपेक्षित क्रेडिट
रेटिंग [(न्यूनतम एए (भारत घरेलू) रेंटिंग अथवा समतुल्य] तक बढती है।
4. ऋण संवृद्धि की
प्रकृति
4.1
आईआईएफसीएल प्रस्तावित बंधपत्रों की ऋण रेटिंग बढाने के
लिए बिना शर्त एवं बिना वसूली योग्य आंशिक ऋण गारंटी के माध्यम से ऋण संवृद्धि
उपलब्ध कराएगा।
5. प्रतिभूति
5.1 परियोजना
बंधपत्र के निवेशकों के पास परियोजना में अन्य अधिमानी ऋणदाता यदि कोई हो, के साथ परियोजना
बंधपत्र के निर्गमकर्ता की आस्तियों पर सममात्रा प्रभार रखेगा। आईआईएफसीएल के पास ऐसा
प्रभार होगा जो परियोजना बंधपत्र के निवेशकों एवं अन्य अधिमानी कर्ज ऋणदाता के लिए
गौण हो सकता है। हालांकि आईआईएफसीएल या तो परियोजना बंधपत्रों में तेजी लाने एवं/अथवा
रियायती करार के निरस्तीकरण एवं/अथवा गारंटी के तहत अपनी देयता का भुगतान करने के
पश्चात प्रतिभूति के प्रवर्तन पर लागू गारंटी की सीमा तक सममात्रा प्रभार रखेगा।
5.2 उपरोक्त
के अतिरिक्त आईआईएफसीएल अपना निवेश सुरक्षित करने के लिए प्रायोजकों/नियंत्रक कंपनी/प्रवर्तकों
से कार्पोरेट गारंटी/वचनबद्धता/वैयक्तिक गारंटी अथवा प्रतिभिूति के स्वरूप में कोई
अन्य गारंटी की संभावना तलाशेगा।
6. जोखिम साझा
करना/बैकस्टाप गारंटी
6.1 आईआईएफसीएल, अपने द्वारा प्रदान की
गई/प्रदान की जाने वाली किसी गारंटी/ऋण संवृद्धि के संबंध में देशी बैंक एवं
वित्तीय संस्थान सहित एशियाई विकास बैंक/विश्व बैंक/अन्य-संस्थानों से जोखिम साझाकरण
करार संपन्न कर सकता है। जोखिम साझाकरण करार गारंटी, पुनर्बीमा, बैकस्टाप गारंटी, अवित्तपोषित जोखिम सहभागिता अथवा कोई अन्य करार
के स्वरूप में हो सकती है जिसमें आईआईएफसीएल के जोखिम कम करने/कवर करने/साझा करने
की अपेक्षा की गयी हो। आईआईएफसीएल द्वारा संपन्न किए जाने वाले ऐसे करार मेरिट एवं
प्रत्येक मामले की आवश्यकता के अनुसार अवधि आधारित होंगे एवं मंडल के अनुमोदन के
अधीन होंगे।
6.2 आईआईएफसीएल उपरोक्त अनुच्छेद में उल्लिखित
किसी संस्थान के साथ लेन-देनों (लेन-देनों की संख्या अथवा लेन देनों की राशि के
आधार पर परिभाषित) के लिए भी ऐसे करार संपन्न कर सकता है।
7. अवधि
7.1 परियोजना बंधपत्रों की अधिकतम अवधि
अवरूद्धता के साथ अथवा बिना अवरूद्धता के 5 वर्षों तक होगी। हालांकि बंधपत्र के
निर्गम का पूरा पुनर्भुगतान परियोजना के 85 प्रतिशत उपयोगिता काल के भीतर किया
जाना चाहिए।
8. आईआईएफसीएल द्वारा
प्रभारित शुल्क
8.1 आईआईएफसीएल द्वारा प्रभारित की जाने वाली
गारंटी/ऋण संवृद्धि शुल्क परियोजना की बाहरी रेटिंग, बांड की आय, बाजार का माहौल, जोखिम विश्लेषण, बैकस्टॉप गारंटीकर्ता द्वारा प्रभारित किये जाने
वाले शुल्क यदि कोई हो, इत्यादि पर आधारित होगी। आईआईएफसीएल द्वारा प्रभारित किये
जाने वाला गारंटी शुल्क हालांकि अपने निवेश के 0.5 प्रतिशत से कम नहीं होगा।
8.2 गारंटी/ऋण संवृद्धि शुल्क जैसे बारंबारता
(मासिक/तिमाही/वार्षिक) के भुगतान की अवधि अथवा भुगतान का समय, भुगतान का माध्यम
इत्यादि के संबंध में प्रत्येक मामले की मांग के अनुसार निर्णय लिया जा सकता है।
8.3 आईआईएफसीएल
द्वारा कुल गारंटी शुल्क प्रारंभिक शुल्क, प्रोसेसिंग शुल्क, आवर्ती शुल्क, प्रतिबद्धता शुल्क
इत्यादि जैसे किसी भी स्वरूप में एवं विवरण से प्रभारित की जा सकती है एवं आईआईएफसीएल
द्वारा लेनदेन के समय पर ली जा सकती है।
8.4 आईआईएफसीएल
पुनर्बीमा/ बैकस्टॉप गारंटी उपलब्ध कराने वाले संस्थानों के साथ गारंटी शुल्क साझा
कर सकता है जिसका तरीका एवं अनुपात लेनदेन के मेरिट एवं मांग पर निर्भर होगा।
9. मूल्यांकन
9.1 आईआईएफसीएल
उपरोक्त उल्लिखित बैकस्टॉप गारंटी/पुनर्बीमा इत्यादि, यदि लागू हो, उपलब्ध कराने
वाले संस्थानों के साथ अकेले अथवा संयुक्त रूप से परियोजना के ऋण जोखिमों का
स्वतंत्र मूल्यांकन कर सकता है। आईआईएफसीएल वैकल्पिक रूप से उक्त का मूल्यांकन
करने के लिए बाहरी एजेंसी/विशेषज्ञ/आईआईएफसीएल की सहायक कंपनी को नियुक्त कर सकता
है।
10. अन्य विशेषताएं
10.1 परियोजना
के प्रवर्तक भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) अथवा क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो (इंडिया)
लि. (सिबिल) की चूककर्ता सूची में न हों एवं प्रवर्तकों के विरूद्ध कोई आपराधिक
कार्यवाही लंबित नहीं हो।
10.2. गारंटी
प्रभाव में आने से पूर्व यदि आईआईएफसीएल को निम्नलिखित का पता चलता है:
10.2.1 परियोजना
के उधारकर्ता एवं प्रवर्तकों द्वारा कोई धोखाधडी़ अथवा जालसाजी की गई हो।
10.2.2 परियोजना के उधारकर्ता एवं प्रवर्तकों
के विरूद्ध कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू की गयी हो।
10.2.3 निष्पादित
किए जाने पर भी आईआईएफसीएल गारंटी समाप्त कर सकता है। हालांकि एक बार जब गारंटी प्रभाव
में आ जाती है तो वह समाप्त नहीं होगी (चूंकि गारंटी की प्रकृति बिना शर्त एवं
अप्रतिसहंरणीय होती है)।
10.3 योजना
में प्रयुक्त कोई अन्य शब्द एवं इसमें कोई विशेष अर्थ न दिये जाने पर उसका अर्थ
वही होगा जो सिफ्टी में परिभाषित है। कोई अन्य शब्द जो न इसमें अथवा न सिफ्टी में
परिभाषित है अथवा कोई अन्य अतिरिक्त शब्द आईआईएफसीएल द्वारा परिभाषित किया जा सकता
है जब भी आईआईएफसीएल में ऐसी मांग उठे एवं ऐसे शब्द का वही अर्थ होगा जो आईआईएफसीएल
निर्धारित करे। इसके अतिरिक्त आईआईएफसीएल के पास यथास्थिति इस योजना के अर्थ में
अथवा किसी खंड में कोई भी विरोधाभास होने के मामले में अर्थ निर्धारित करने, स्पष्ट करने
इत्यादि का पूरा अधिकार होगा। ऐसे अर्थ अथवा स्पष्टीकरण इत्यादि जो आईआईएफसीएल
निर्धारित करे, अंतिम माने जाएंगे।
10.4 इस
योजना में संशोधन आईआईएफसीएल के निदेशक मंडल के स्तर पर किया जा सकता है जो वित्तीय
सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अनुमोदन के अधीन होगा।
ऋण संवृद्धि योजना का अनुलग्नक
आईआईएफ़सीएल
की संस्वीकृति हेतु प्रोसेसिंग शुल्क
आईआईएफ़सीएल द्वारा ऋण संवृद्धि के विचाराधीन लेन-देन हेतु
निम्निलिखित प्रोसेसिंग शुल्क लागू होगा।
क्रम सं. |
प्रस्तावित बॉन्ड निर्गम राशि (करोड़ रु.) |
प्रोसेसिंग शुल्क |
1 |
200 करोड़ रुपये तक |
5 लाख रुपये + लागू कर |
2 |
200 करोड़ रुपये से अधिक एवं 500 करोड़ रुपये तक |
10 लाख रुपये + लागू कर |
3 |
500 करोड़ रुपये से अधिक |
15 लाख रुपये + लागू कर |
इसके अतिरिक्त, एक से अधिक एसपीवी (2 या अधिक) वाले लेन-देन के
मामले में प्रोसेसिंग शुल्क उपरोक्त तालिकानुसार अथवा प्रति एसपीवी 2 लाख + लागू
कर,
जो भी अधिक हो, लगाया जा सकता है।
आईआईएफ़सीएल की संस्वीकृति के पश्चात ही शुल्क देय है। बॉन्ड के स्थानन
पर प्रोसेसिंग शुल्क के भुगतान निश्चित नहीं होता है।